कल्याण
विभाग का नाम | ई-मेल | पता | मोबाइल नंबर |
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जिला कल्याण कार्यालय, बोकारो। | dwobokaro[at]gmail[dot]com | जिला समाहरणालय भवन, कैंप- II, बोकारो स्टील सिटी | —— |
संक्षिप्त विवरण के साथ महत्वपूर्ण योजनाएं
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- प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजनाः –
कल्याण विभाग द्वारा विद्यालय स्तरीय (कक्षा 1 से X) तक में अध्यनरत अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को विहित प्रावधानों के तहत छात्रवृति प्रदान की जाती है। इस निमित कक्षा I से IV के छात्र-छात्राओं के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति (SMC) द्वारा विहित प्रपत्र में राशी की माँग के आलोक में संबंधित विद्यालय के खाते में राशि हस्तांतरित की जाती है। कक्षा V से X के छात्र-छात्राओं को विभागीय “वेबसाइट” में विहित प्रावधानों के तहत ऑनलाईन आवेदन (Bulk Entry) करना जरुरी है, जिस पर ऑनलाईन स्वीकृति देते हुए राशि संबंधित छात्र/छात्रा के बैंक खाते में ई-अन्तरण DBT के माध्यम से हस्तांतरित कर दी जाती है।
प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना में लाभान्वितों की संख्या-59628
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- पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजनाः –
सरकारी/मान्यताप्राप्त महाविद्यालयों एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत एवं अर्हत्ता रखने वाले छात्र-छात्राओं को विभागीय वेबसाइट में विहित प्रक्रिया के तहत प्राप्त आवेदनों पऱ ऑनलाईन स्वीकृति देते हुए छात्रवृत्ति (शिक्षण-शुल्क सहित) आवेदक के बैंक खाते में ई-अन्तरण के माध्यम से सीधे हस्तांतरित कर भुगतान की जाती है। इस हेतु अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आवेदकों के लिए पारिवारिक वार्षिक आय सीमा 2,50,000.00 (दो लाख, पचास हजार) तथा पिछड़े वर्गो के लिए वार्षिक आय 1,00,000.00 (एक लाख) के अंतर्गत है। अहर्त्ता एवं पात्रता के लिए विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाईट http://ekalyan.cgg.gov.in/ अंतर्गत e-kalyan पोर्टल पर दर्ज है।
पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृति योजना में लाभान्वितों की संख्या-3134
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- छात्र-छात्राओं को साईकिलः –
सरकारी विद्यालयों के कक्षा VIII (आठ) में अध्ययन करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्प संख्यक वर्ग के बी0पी0एल/ए0पी0एल परिवार के वैसे छात्र-छात्राओं को जिनका विद्यालय से घर की दूरी कम से कम 02 (दो) कि0मी0 हो, साईकिल क्रय हेतु छात्र-छात्रा के बैंक खाते में राशी 3000/- रुपये DBT के माध्यम से हस्तांतरित कर भुगतान की जाती है।
छात्र-छात्राओं को साईकिल योजना में लाभान्वितों की संख्या-14304
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- चिकित्सा अनुदानः-
गरीबी सीमा रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति के बीमार अथवा दुर्घटना से ग्रसित व्यक्तियों को चिकित्सा सहायर्ता अनुदान उपलब्ध आवंटन के आलोक में जिला कल्याण पदाधिकारी के स्तर पर अधिकतम 1,000 से 3,000 रुपये तथा जिला (D.C) स्तर पर अधिकतम 10,000.00 तक विहित प्रावधानों के तहत स्वीकृत किया जाता है।
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- अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 अन्तर्गत राहतानुदानः-
अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 अन्तर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के वैसे व्यक्ति/परिवार को, जो किसी गैर अनुसूचित जाति/जनजाति के व्यक्ति अथवा समुदाय द्वारा पीड़ीत होने पर विहित प्रावधानों के तहत प्राप्त आवेदनों पर उपाबंध में विनियमित राहत राशि प्रदान की जाती है। इसके लिए संबंधित थाना एवं पुलिस अधीक्षक के माध्यम से मामलों में पर्यवेक्षण प्रतिवेदन तथा तदनुरुप संगत धाराओं के तहत समर्पित आरोप पत्र, पोस्ट-मार्टम रिपोर्ट, आदि अपेक्षित कागजातों सहित आवेदन जिला कार्यालयों को प्राप्त होने चाहिए।
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- आदिवासियों के लिये प्रोटोटाइप योजनाः–
विशेषतः अनुसूचित जनजातियों के विकास एवं कृषि उन्ययन हेतु त्रि-वर्षीय प्रोटोटाइप योजनाएँ संचालित है, जिसके अंतर्गत वर्षा जल संग्रह, सिपेज तालाब निर्माण, सिंचाई एवं भूमि सुधार,फलदार एवं ईमारती लकड़ी वृक्षारोपण, आदि योजनाओं के लिये राशी दी जाती है। योजनाओं का क्रियान्वयन क्षेत्र में कार्यरत स्वयं सेवी संस्था (NGO) के देखरेख व मार्ग निर्देशन में स्वयं सहायता समूहों (SHG) के द्वारा स्वयं ही किया जाता है।
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- आदिवासियों के लिए जाहेर/सरना स्थलों की चहारदीवारीः-
आदिवासियों के लिये उनके सरना/जाहेर/मसना/हड़गड़ी स्थलों की चहारदीवारी कराई जाती है। इस निमित जमीन से संबंधित प्रतिवेदन एवं चहारदीवारी हेतु लागत प्राक्कलन के साथ उक्त समुदाय के ग्रामीणों का संयुक्त आवेदन अपेक्षित होता है, जिसकी स्वीकृति एवं तदनुरुप आंवटन राज्य स्तर से प्राप्ति उपरांत स्वयं ग्रामीण लाभुक समिति के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन होता है।
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- अल्पसंख्यकों के लिए कब्रिस्तान की घेराबन्दीः-
अल्पसंख्यकों के लिए कब्रिस्तानों की चहारदिवारी कराई जाती है। इस निमित जमीन से संबंधित प्रतिवेदन एवं चहारदिवारी हेतु लागत प्राक्कलन सहित उक्त समुदाय के ग्रामीण का संयुक्त आवेदन पर विभाग से इसकी स्वीकृति एवं आवंटन की प्राप्ति उपरांत स्वयं ग्रामीण लाभुक समिति के माध्यम से घेराबन्दी कराई जाती है।
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- छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावास निर्माणः –
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति एवं अल्प संख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं के लिये छात्रावासों का निर्माण सरकारी उच्च विद्यालय/महाविद्यालय परिसर में जमीन की उपलब्धता पर विभागीय स्वीकृति के आलोक में कराया जाता है।
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- वनाधिकार अधिनियम 2006 (FRA) के अंतर्गत पट्टा वितरणः –
वनाधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के अंतर्गत यथा परिभाषित वन ग्रामों में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति समुदाय के तथा अन्य समुदाय के परम्परागत वन निवासीयों को ग्राम वनाधिकार समिति के माध्यम से विहित प्रपत्र में अनुशंसित आवेदनों पर दावाकृत वनभूमि में दखलनामें का “पट्टा” प्रदान किया जाता है। अधिनियम के तहत प्राप्त दावों पर ग्राम स्तर पर गठित ग्राम वनाधिकार समिति (FRC),अंचल अधिकारी/प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा अग्रसारण एवं अनुमंडल स्तरीय वनाधिकार समिति (SDLC) की अनुशंसा पर जिला स्तरीय वनाधिकार समिति (DLC) के द्वारा पट्टा दिया जाता है।